तू मेरी जीवनसंगिनी है मैं ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम करता हूँ। तू मेरी जीवनसंगिनी है मैं ख़ुद से ज्यादा तुमसे प्रेम करता हूँ।
भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, बजता रहता भारत भू के कण कण से, मुझको बहुत ही प्रीत है। यहाँ प्रकृति के दृश्यों में, ...
इससे शायद कुछ फर्क पड़े, और समाज हो बेहतर। इससे शायद कुछ फर्क पड़े, और समाज हो बेहतर।
बसंत पंचमी बसंत पंचमी
बांधों तो ऐसे कि जैसे प्रसव पीड़ा, बंध जाती है शिशु के कोमल स्पर्श से। बांधों तो ऐसे कि जैसे प्रसव पीड़ा, बंध जाती है शिशु के कोमल स्पर्श से।
अपने कुविचारों को कुछ पल के लिए छिपाते हैं, अपने कुविचारों को कुछ पल के लिए छिपाते हैं,